सोमवार, 16 मई 2022

चूल्हे पर तलवार चलाई, तोऊ चुखरिया मार न पाई Chuhe par Talwar

 

चूल्हे पर तलवार चलाई, तोऊ चुखरिया मार न पाई

 

चूल्हे पर तलवार चलाई, तोऊ चुखरिया मार न पाई

 

एक राजकुमार था। वह लंबी-लंबी डींगें मारा करता था। वैसे वह बहादुर था। घर के सब उसे प्यार करते थे। लेकिन उसकी भाभी उससे मजाक करती थी कभी-कभी ताने भी मारा करती थी। एक दिन जब उसकी भाभी रसोई में थी, राजकुमार वहां जा पहुंचा। उसकी भाभी रसोई में रोटियां बना रही थी। राजकुमार खड़े होकर देखने लगा। वह देखता है कि एक चुहिया इधर से उधर भाग रही है। कभी चुहिया चूल्हे पर आ जाती, कभी किसी बर्तन में चली जाती। कभी बनी रसोई को खाने लगती।

          उसकी भाभी बोली, "क्या देख रहे हो देवर जी? खूब नाच नचाती है। यह छोटी चुहिया। बार- बार भगाते हैं। बार-बार आ जाती है । इसे मारने के लिए कुछ उठाती हूं कि इसे पहले ही भनक मिल जाती है और भाग जाती है। माता जी को भी खुब नाच नचाती है यह छोटी चुहिया। कभी-कभी तो रुला देती है। डर लगता है कि कभी उछलकर कड़ाही में न गिर पड़े।" अरे भाभी जी। आप भी बड़ी दया करती हैं चुहिया पर। उसे मार क्यों नहीं देतीं? बार-बार की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। वह राजकुमार बोला। उसकी भाभी बोली, "अरे देवर जी बात कहने की है, मारना बड़ा मुश्किल है। तुमने लड़ाइयां लड़ी हैं। बड़े- बड़े योद्धाओं को हराया होगा। लेकिन इस चुहिया को नहीं मार सकते।

वह बोला, "भाभी जी, आपने भी क्या बात कही । रसोई से बाहर आना। मैं देखता हूं इस चुहिया को। एक ही बार में दो टुकड़े हो जाएंगे।" इतना कहकर उसने तलवार म्यान से निकाली। तलवार निकालते ही उसकी भाभी भी रसोई से बाहर आ गई।

 तलवार ताने वह चुहिया का इंतजार करता रहा। जैसे ही चुहिया निकली, राजकुमार हरकत में आ गया। उसने जैसे ही उस चुहिया की ओर तलवार बढ़ाई, चुहिया तुरंत एक बर्तन के नीचे छिप गई। जैसे ही उसने बर्तन उठाया। बर्तन से निकलकर सीधे सिंकी रोटियों में चली गई। जैसे ही उसने रोटियों की टोकरी उठाना चाही, वह उसमें से कूदकर दुसरी जगह छिप गई। राजकुमार के लगातार हरकत में बने रहने से चुहिया घबरा गई और इधर से उधर भागने लगी। राजकुमार निशाना बांधकर तलवार मारता, लेकिन तब तक चुहिया उछलकर दूसरी जगह पहुंच जाती। और तलवार का वार कभी चूल्हे पर होता, तो कभी किसी बर्तन पर।

इस तरह चुहिया पर वार करते-करते राजकमार के पसीना निकल आया। अंत में तंग आकर चुहिया रसोई से भाग गई । राजकुमार की इस दशा को देखकर उसकी भाभी ने कहा, " अरे राम-राम। 'चूल्हे पर तलवार चलाई, तोऊ चुखरिया मार न पाई '। मैंने पहले ही कहा था देवर जी। यह युद्ध भूमि नहीं है।

राजकुमार ने हताश होकर अपनी तलवार म्यान में डाली और चला गया।

 

 

 

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